संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। लोकसभा में शीत सत्र का पहला दिन एसआईआर के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया था। दूसरे दिन भी विपक्ष की नारेबाजी जारी है। कांग्रेस और कई विपक्षी सांसदों ने एसआईआर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया है।
By: Arvind Mishra
Dec 02, 202512:08 PM

नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। लोकसभा में शीत सत्र का पहला दिन एसआईआर के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया था। दूसरे दिन भी विपक्ष की नारेबाजी जारी है। कांग्रेस और कई विपक्षी सांसदों ने एसआईआर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया है। दरअसल, लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही सभी विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ सांसद वेल तक पहुंच गए। लोकसभा अध्यक्ष ने इस दौरान प्रश्नकाल को जारी रखा, लेकिन विपक्ष लगातार 20 मिनट तक नारे लगाता रहा। इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही स्थगित कर दी। वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान-विपक्ष सदन को न चलने देने के बहाने ढूंढता है, पर कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा- अरे तुम नालायक हो तो हम क्या करें। तुमको चलाना नहीं आता तो हम क्या करें? हम मुद्दा भी ना उठाएं?...हम सांसद हैं और लोगों की आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है।

सरकार एसआईआर पर करे चर्चा
उधर, राज्यसभा में भी विपक्ष का प्रदर्शन और नारेबाजी जारी रही। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा-लोकतंत्र की रक्षा के लिए विरोध-प्रदर्शन जरूरी है। इससे पहले विपक्ष ने सुबह 10: 30 बजे संसद परिसर में मकर द्वार के सामने लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि सरकार एसआईआर इस पर तत्काल चर्चा करे।
बिहार में मिली हार का छलक रहा दर्द
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने एसआईआर पर विपक्ष के विरोध पर कहा- ये एसआईआर पर विरोध प्रदर्शन नहीं है ये बिहार में हार का विलाप दर्शन है। ये कांग्रेस का विलाप है और राजद तथा टीएमसी का विलाप है, क्योंकि पहले बिहार को जीता है और अब बंगाल की बारी है तो बंगाल की जो बारी है उससे टीएमसी विचलित है। तमिलनाडु में डीएमके अपनी वास्तविकता और लोकप्रियता खो रहा है। कांग्रेस पूरे देश में क्षेत्रीय पार्टियों से भी नीचे आ गई है, तो ये हताश लोगों का समूह बन गया है, जो बहस नहीं नाटक करना चाहता है।
संचार साथी एप को लेकर भड़का विपक्ष
मोबाइल हैंडसेट पर संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करने के संचार विभाग के निर्देशों पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा- यह एक जासूसी ऐप है। नागरिकों को प्राइवेसी का अधिकार है। हर किसी को परिवार, दोस्तों को मैसेज भेजने की प्राइवेसी का अधिकार होना चाहिए। वे इस देश को हर तरह से तानाशाही में बदल रहे हैं। संसद इसलिए काम नहीं कर रही है, क्योंकि सरकार किसी भी चीज पर बात करने से मना कर रही है। विपक्ष पर इल्जाम लगाना बहुत आसान है। वे किसी भी चीज पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। एक स्वस्थ लोकतंत्र चर्चा की मांग करता है।