भारत की शरणागत बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने एक साक्षत्कार के दौरान विभिन्न पहलुओं पर बेबाकी से बात की और बांग्लादेश वापसी की शर्त भी बताई। साथ ही मो. यूनुस के कार्यकलापों पर जमकर खरी-खोटी भी सुनाई। शेख हसीना ने कहा-मेर बांग्लादेश लौटने की पहली शर्त सहभागी लोकतंत्र की बहाली है।
By: Arvind Mishra
Nov 12, 20252:10 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
भारत की शरणागत बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने एक साक्षत्कार के दौरान विभिन्न पहलुओं पर बेबाकी से बात की और बांग्लादेश वापसी की शर्त भी बताई। साथ ही मो. यूनुस के कार्यकलापों पर जमकर खरी-खोटी भी सुनाई। शेख हसीना ने कहा-मेर बांग्लादेश लौटने की पहली शर्त सहभागी लोकतंत्र की बहाली है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की भारत के प्रति दुश्मनी बेवकूफी और आत्मघाती है। भारत-बांग्लादेश के संबंध बहुत गहरे हैं और ये यूनुस के बेवकूफी भरे अंतराल के बावजूद मजबूत रह सकते हैं। शेख हसीना ने कहा-भारत हमेशा से बांग्लादेश का सबसे अहम अंतरराष्ट्रीय साझेदार रहा है। भारत से संबंध बिगाड़ना यूनुस की बेवकूफी है और यह कूटनीतिक तौर पर आत्मघाती कदम है। यूनुस की भारत के प्रति दुश्मनी बेवकूफी भरी और आत्मघाती है। इससे पता चलता है कि वह कितने कमजोर, गैर निर्वाचित, अराजक राजा हैं, जो कट्टरपंथियों के समर्थन पर निर्भर हैं।
पूर्व पीएम ने कहा-मैं उम्मीद करती हूं कि वे मंच छोड़ने से पहले बहुत ज्यादा कूटनीतिक गलतियां नहीं करेंगे। भारत और बांग्लादेश के संबंधों में आए तनाव को लेकर शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार देशवासियों और खासकर बांग्लादेश की महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। भारत हमेशा से हमारे देश का सबसे अहम दोस्त रहा है और आगे भी रहेगा।
शेख हसीना ने भारत में शरण देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि वे भारत और इसके लोगों की मेहमाननवाजी की शुक्रगुजार हैं। साथ ही उन्होंने अपने बांग्लादेश लौटने की शर्त भी बताई। उन्होंने कहा मेरे बांग्लादेश लौटने की सबसे जरूरी शर्त वही है, जो बांग्लादेश के लोग भी चाहते हैं। बांग्लादेश में सहभागी लोकतंत्र की वापसी होनी चाहिए। अंतरिम सरकार को अवामी लीग पार्टी पर लगे प्रतिबंध को हटाना होगा और ये सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव निष्पक्ष, समावेशी और मुक्त तरीके से हों।
पूर्व पीएम ने मोहम्मद यूनुस को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में अपने खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यूनुस अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मेरे खिलाफ मुकदमा नहीं करेंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि अगर वे ऐसा करेंगे तो अदालत मुझे बरी कर देगी। बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अदालत में अपने खिलाफ मुकदमा चलाए जाने को शेख हसीना ने खारिज कर दिया और इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे कंगारू न्यायाधिकरण बताया और कहा कि उनके राजनीतिक विरोधी इसे नियंत्रित करते हैं।