तपती धरती पर मॉनसून की प्रतीक्षा में मध्य प्रदेश। जानें प्री-मॉनसून फुहारों से मिली राहत, मॉनसून की धीमी चाल और कब तक दस्तक देगा 'मेघदूत'। मौसम विभाग का औसत से अधिक वर्षा का अनुमान और आपकी धरती पर अमृत कणों की आहट का पूरा विश्लेषण।
By: Star News
Jun 04, 20256:08 PM
भोपाल . तप्त धरती पर आकाश से राहत कभी तेज तो कभी धीमी गिरती बूंदों से मिल रही है. मध्य में प्रकृति की आँखों को 'मेघदूत' आते दिख रहे हैं. दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने अभी तक अपनी पूरी धमक के साथ दस्तक नहीं दी है, किंतु प्री-मॉनसून की सौम्य गतिविधियाँ सक्रिय हो चुकी हैं। राजधानी से लेकर गांवों तक, कई जिलों में आंधी और बारिश का दौर जारी है, जो भीषण गर्मी से राहत का पहला संदेश लेकर आया है।
मॉ़नसून की मंद चाल: कब थमेगा इंतजार?
कहते हैं, शुभ घड़ियों का आगमन धीमा होता है। इस वर्ष भी कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने केरल की दहलीज पर तो अपने निर्धारित समय से कुछ दिन पहले ही (लगभग 24-27 मई तक) कदम रख दिए थे, परंतु उसके बाद उसकी चाल कुछ मंद पड़ गई है। वह इस समय महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में ठहरी हुई है, मानों मध्य प्रदेश की धरती पर कदम रखने से पहले कोई गहन विचार कर रही हो।
10 जून के बाद आमद होगी!
मौसम विभाग के नवीनतम अनुमान बताते हैं कि मध्य प्रदेश में मॉनसून का प्रवेश 10 जून के बाद संभव है। कुछ रिपोर्ट्स तो 12 से 15 जून तक इसके आगमन का संकेत दे रही हैं। मॉनसून प्रदेश के दक्षिणी जिलों—बालाघाट, सिवनी और मंडला—की धरती को तृप्त करेगा। राजधानी भोपाल तक इसकी आहट 17 जून तक सुनाई देने का अनुमान है, जबकि पूरे प्रदेश को अपनी शीतल चादर में समेटने में इसे 23 से 25 जून तक का समय लग सकता है।
प्री-मॉनसून का स्नेहिल स्पर्श
मॉनसून के आगमन से पूर्व, प्रकृति अपने स्नेहिल स्पर्श से धरती को शांत कर रही है। मध्य प्रदेश में प्री-मॉनसून वर्षा का दौर जारी है, जो तपी हुई भूमि पर अमृत की बूंदें बनकर बरस रहा है। बुधवार यानी 4 जून को, प्रदेश के 39 जिलों में बारिश हुई है, जिनमें से 17 जिलों में 60 किमी प्रति घंटा या उससे अधिक की तीव्र हवाओं के साथ आंधी चली है. ये प्री-मॉनसून गतिविधियां 7 जून तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रहेंगी। पिछले कुछ दिनों में तो प्रदेश के 53 जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो आने वाले मॉनसून का एक सुखद पूर्वाभास है।
औसत से अधिक वर्षा का अनुमान
इस वर्ष, मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश में औसत से थोड़ी अधिक वर्षा (लगभग 106% तक) होने का सुखद अनुमान लगाया है, जो किसानों और आम जनता के लिए आशा की एक नई किरण है। राजधानी भोपाल में भी लगभग 800 मिमी वर्षा की अपेक्षा है। यद्यपि बारिश का ट्रेंड टुकड़ों में रहने की संभावना है, यानी एक साथ मूसलाधार वर्षा के बजाय रुक-रुककर होने वाली फुहारें, जो प्रकृति के संतुलित व्यवहार को दर्शाती हैं।
मध्यप्रदेश की ओर सफर
वर्तमान में, एक पश्चिमी विक्षोभ पंजाब और उसके आसपास अपना प्रभाव दिखा रहा है, वहीं हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात सक्रिय है। मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी और बालुरघाट से होकर गुजर रही है, जो धीरे-धीरे मध्य प्रदेश की ओर अग्रसर है।