कल छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा में जिस जगह कुख्यात नक्सली माडवी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे समेत छह नक्सलियों को ढेर किया गया था, वहीं आज फिर एक बड़ी मुठभेड़ हो गई। इस एनकाउंटर में एक बार फिर से पुलिस और सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है।
By: Arvind Mishra
Nov 19, 202511:06 AM
सुकमा। स्टार समाचार वेब
कल छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा में जिस जगह कुख्यात नक्सली माडवी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे समेत छह नक्सलियों को ढेर किया गया था, वहीं आज फिर एक बड़ी मुठभेड़ हो गई। इस एनकाउंटर में एक बार फिर से पुलिस और सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। एनकाउंटर में सात नक्सलियों को ढेर किया गया है, इनमें नक्सलियों का बड़ा लीडर और जोगा उर्फ टेक शंकर को भी मार गया है। मारे गए 7 नक्सलियों में 4 पुरुष, 3 महिला शामिल हैं। इसके साथ ही 50 नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया गया है। मुठभेड़ के बाद सर्चिंग में पुलिस के हाथ 2 एके-47 समेत 8 हथियार भी लगे हैं। कल ही आंध्र की पुलिस ने हिडमा को भी इसी जगह पर मार गिराया था।
आंध्र प्रदेश पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने कृष्णा, एलुरु, एनटीआर विजयवाड़ा, काकीनाडा और डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा जिलों से 50 नक्सली आपरेटिव्स को गिरफ्तार किया है, जिससे संगठन के साउथ बस्तर और दंडकारण्य नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
आंध्र प्रदेश पुलिस बताया कि हिरासत में लिए गए नक्सलियों में सीनियर नक्सली लीडर, लॉजिस्टिक्स एक्सपर्ट, कम्युनिकेशन आपरेटिव्स और हथियारबंद प्लाटून मेंबर, पार्टी मेंबर शामिल हैं, जिनमें से कई नक्सली पार्टी के सेंट्रल कमेटी मेंबर माडवी हिडमा से करीब से जुड़े थे।
आईजी सुंदरराज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का उनका लक्ष्य पूरा हो जाएगा और पिछले 20 महीनों में 2200 से अधिक नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। पिछले कुछ दशकों से वामपंथी उग्रवाद न केवल बस्तर और छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश के बड़े हिस्से के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती रहा है। पिछले कुछ साल बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लिए बहुत निर्णायक रहे हैं। पिछले दो सत्रों में, हमने बस्तर क्षेत्र में 450 से अधिक नक्सली शव बरामद किए हैं। इस अवधि में, बसवराजू और अन्य जैसे शीर्ष नक्सली कैडरों के शव बरामद किए गए। पिछले कुछ महीनों में, केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्यों और अन्य संभागीय समिति के सदस्यों सहित 300 से अधिक माओवादी कैडरों ने हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है।