मामला बढ़ता देख परमार ने वीडियो जारी कर कहा- कल आगर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती कार्यक्रम में उनके जीवन पर बोलते समय संदर्भों के क्रम में मुझसे गलती से राजा राममोहन राय के बारे में गलत शब्द निकल गए।
By: Arvind Mishra
Nov 16, 202512:14 PM
भोपाल।स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आगर मालवा में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित समारोह में दिए अपने विवादित बयान पर माफी मांगी है। मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल कह दिया था, जिसके बाद उनका बयान विवादों में आ गया। मामला बढ़ता देख परमार ने वीडियो जारी कर कहा- कल आगर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती कार्यक्रम में उनके जीवन पर बोलते समय संदर्भों के क्रम में मुझसे गलती से राजा राममोहन राय के बारे में गलत शब्द निकल गए। इसके लिए मुझे अत्यंत दुख है और मैं प्रायश्चित करता हूं। राजा राममोहन राय एक प्रसिद्ध समाज सुधारक थे और मैं व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करता हूं। त्रुटिवश यह बयान मेरे मुंह से निकल गया, जिसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं।
आस्था बदलने का कुचक्र
मंत्री इंदर सिंह परमार ने राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल बताया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासन मिशनरी स्कूलों के जरिए लोगों की आस्था बदलने का कुचक्र चला रहा था। इसी साजिश का हिस्सा राजा राममोहन राय भी थे। परमार ने दावा किया कि धर्मांतरण के खिलाफ सबसे बड़ा संघर्ष बिरसा मुंडा ने किया और आदिवासी समाज को बचाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।
मिशनरी स्कूलों में धर्मांतरण का षड्यंत्र
मंत्री परमार ने कहा-उस दौर में अंग्रेजों के संचालित मिशनरी स्कूल ही शिक्षा का साधन थे, जहां धर्मांतरण की कोशिशें होती थीं। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा भी पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन मिशनरी गतिविधियां समझकर उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ आंदोलन में कूद पड़े।
धर्मांतरण को मिला अंग्रेजों का समर्थन
परमार ने कहा कि कई लोगों को अंग्रेजों ने फर्जी समाज सुधारक बनाकर पेश किया। इसी क्रम में उन्होंने राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल बताया। उनका आरोप था कि अंग्रेजों के समर्थन से चल रहे धर्मांतरण के चक्र को रोकने का साहस केवल बिरसा मुंडा ने किया।
पूर्व सरकारों पर इतिहास दबाया
परमार ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने असली आदिवासी नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को दबाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने धर्मांतरण की राह आसान की, उन्हें महान बताया गया और असली वीरों को पीछे रखा गया। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 विशेष रहेगा, क्योंकि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, सरदार पटेल की 150वीं जयंती और वंदे मातरम् का विशेष स्मरण- तीनों घटनाएं एक साथ इतिहास में दर्ज होंगी। उन्होंने आदिवासी समाज के वन संरक्षण में योगदान को भी सबसे बड़ा बताया।