रीवा जिले में रुक-रुककर हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। सड़कें धंसने, रपटों से पानी बहने और सीवरेज खोदाई से शहर में आवागमन मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तक भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है।
By: Star News
Jun 22, 20253:00 PM
कई रपटों के ऊपर से बहने लगा पानी, कहीं धंसी सड़क
रीवा, स्टार समाचार वेब
खामोश कदमों से जिले में दस्तक देने वाले मानसून के पहले एपीसोड ने ही व्यवस्थाओं की कलई खोलकर रख दी। तराई में सर्वाधिक हालत खराब बताई जा रही है। दो गांव का सड़क संपर्क टूटा, तो एक सड़क बीच से इस कदर धंस गई कि पैदल चलना भी दुश्कर हो रहा है। शहर के हाल भी अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। सभी 45 वार्ड सीवर लाइन की चपेट में हैं, दोपहिया वाहन निकालना चैलेंज हो गया है। अगले तीन दिन तक बारिश संभावित है, लिहाजा हालात बिगड़ने से इंकार नहीं है। शनिवार की सुबह से शाम तक के बीच 16.9 मिलीमीटर वर्षा होने की जानकारी मिल रही है।
गत वर्ष 7 मिलीमीटर वर्षा 22 जून तक हुई थी। जबकि इस साल इसी अवधि में 8 गुना ज्यादा यानी 56 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है। मौसम विभाग अगले तीन दिनों तक बारिश की चेतावनी दे रहा है। साथ ही बिजली गिरने की संभावना भी जताई जा रही है। इसके अलावा जिले में तेज हवा चलने का भी अलर्ट जारी है। जिले में रुक-रुककर हो रही बारिश के साइड इफेक्ट भी सामने आ रहे हैं। जलभराव के मामले बढ़ने पर समस्या विकराल रूप ले सकती है।
जान जोखिम में डाल पुल कर रहे पार
यह दृश्य जिले के तराई अंचल का है। जहां ग्राम पंचायत कोनी से होकर गुजरने वाली स्थानीय नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। फिलहाल स्थिति यह है कि रपटा के ऊपर से पानी निकलने लगा है। ऐसे में लोग अपने ठिकाने तक पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालकर रपटा से गुजर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार पानी बढ़ने के साथ दो गांव के बीच सड़क संपर्क टूटने की संभावना भी जताई जा रही है।
सीवर लाइन की खोदाई से शहर हुआ त्रस्त
नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले सभी 45 वार्ड में गुजरात की सहज कंपनी द्वारा सीवरेज का काम कराया जा रहा है। जिन मुख्य व पहुंच सड़कों को खोदा गया उसमें कहीं पाइप डली है तो कहीं सड़क के दोनों ओर मिट्टी पड़ी है जो अब कीचड़ का रूप लेती जा रही है। सबसे परेशानी की बात यह है कि जिन गलियों में खोदाई की गई है उसे समतल न किए जाने की वजह से लोगों विशेषकर महिलाओं को साइकिल व स्कूटी निकालना किसी चैलेंज से कम नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि फिलहाल इसे तात्कालिक तौर पर सुधारा जाएगा इसकी भी उम्मीद उन्हें काफी कम है। इसके अलावा कई स्थान ऐसे हैं जहां बड़े वाहन के निकल जाने के बाद सड़क के बीचों बीच एक बड़ी व गहरी दरार बन गई है। जिसमें पानी भरा होने की वजह से लोग चोटिल भी हो रहे हैं। मौसम विभाग द्वारा जिले में वर्षा तथा गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है ऐसे में शहरवासियों के लिए आगामी समय भी जोखिम भरे रहेंगे। इसके अलावा 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से अति भारी वर्षा वज्रपात आदि की संभावना है।
और धंस गई सड़क
बताया जा रहा है कि तराई क्षेत्र के कोनी कठहाई में हाल ही में बनकर तैयार पहुंच मार्ग पहली बारिश में ही धंस गया। लिहाजा इस मार्ग से निकलना मुश्किल हो चुका है। बच्चों को भी इस मार्ग पर पड़ने वाले स्कूल के लिए जाने में भय लग रहा है।
जिले में अब तक 59.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज
जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है। पिछले तीन दिनों से जिले के कई स्थानों में वर्षा का सिलसिला जारी है। जिले में पिछले 24 घंटे में रूक-रूक कर हो रही वर्षा में 21 जून को 16.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। इस दिन जिले में सर्वाधिक 27 मिलीमीटर वर्षा सेमरिया तथा 25 मिलीमीटर वर्षा सिरमौर तहसील में दर्ज की गयी। इस दिन तहसील हुजूर में 6.2 मिमी, रायपुर कर्चुलियान में 19 मिमी, त्योंथर में 19 मिमी, मनगवां में 10 मिमी तथा जवा में 22 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जिले में एक जून से अब तक 59.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। इस संबंध में अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि अब तक तहसील हुजूर में 76.1 मिलीमीटर, रायपुर कर्चुलियान में 32.5 मिलीमीटर, गुढ़ में 55 मिलीमीटर, सिरमौर में 101.6 मिलीमीटर, त्योंथर में 24 मिलीमीटर, सेमरिया में 83 मिलीमीटर, मनगवां में 37 मिलीमीटर तथा जवा में 66 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज गयी। गतवर्ष इसी अवधि में जिले में 7.28 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गयी थी। जिले की औसत वार्षिक वर्षा 1044.6 मिलीमीटर है।