मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में भारी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की वार्षिक संपरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 में यह खुलासा हुआ है कि कई नगर निगम, नगर पालिका परिषदों और नगर परिषदों ने अपनी वास्तविक आय से अधिक राशि खर्च कर दी है।
By: Arvind Mishra
Dec 08, 202511:05 AM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में भारी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की वार्षिक संपरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 में यह खुलासा हुआ है कि कई नगर निगम, नगर पालिका परिषदों और नगर परिषदों ने अपनी वास्तविक आय से अधिक राशि खर्च कर दी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस प्रकार की स्थिति न केवल वित्तीय अनुशासन की कमी उजागर करती है, बल्कि बजट निर्माण और व्यय नियंत्रण की प्रणाली पर भी सवाल उठाती है। इसमें 6 नगर निगम, 11 नगर पालिका परिषद और 17 नगर परिषद शामिल है।
दरअसल, नगर निगम सागर ने 2020-21 में आय से 16.77 करोड़ रुपए, नगर निगम सतना ने वर्ष 2019-20 में 46.82 करोड़, उज्जैन नगर निगम ने वर्ष 2019-20 में 91.29 करोड़, नगर निगम देवास ने वर्ष 2019-20 में 41.60 करोड़ , नगर निगम इंदौर ने 2019-20 में 25.10 करोड़, नगर निगम रीवा ने 2019-20 में 36.72 करोड़ रुपए अधिक खर्च किया। इधर, रिपोर्ट सामने आने के बाद दावा किया जा रहा कि सरकार जांच कराने की तैयारी में जुट गई है।
आॅडिट रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 4 जनवरी 2019 को जारी शासन के निर्देशों के बाद भी निकायों द्वारा बजट अनुमानों के आंकलन में सावधानी नहीं बरती गई। कई निकायों ने काल्पनिक आधार पर बजट तैयार किया। वहीं प्रस्तावित आय की वसूली के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। यही नहीं, कई नगरीय निकायों की आय में कमी आने के बाद भी व्यय नियंत्रण में नहीं रखा गया।
इसी तरह 11 नगर पालिका परिषदों में बैरसिया, सारणी, विदिशा, पसान, कोतमा, अनूपपुर, नीमच, मंदसौर, शाजापुर, भिंड, झाबुआ शामिल हैं। वहीं, 17 नगर परिषदों में में मंडला, कुरवाई, बरेला, सोहागपुर, कोटर, रामपुर नैकिन, जावद, नगरी, डीकेन, तराना, मक्सी, सतवास, नरवर, बदनावर, गौतमपुरा, महूगांव और अंजड शामिल हैं। अब इन नपा और नगर परिषदों पर जांच की तलवार लटक रही है।