सरकार की सख्ती के बाद मध्यप्रदेश में न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने हड़ताल खत्म कर दी है। छह अगस्त से शुरू हुई कलमबंद हड़ताल के चलते राजधानी की तहसीलों में करीब छह हजार से अधिक प्रकरण लंबित हो गए हैं।
By: Arvind Mishra
Aug 19, 202512:05 PM
सरकार की सख्ती के बाद मध्यप्रदेश में न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने हड़ताल खत्म कर दी है। छह अगस्त से शुरू हुई कलमबंद हड़ताल के चलते राजधानी की तहसीलों में करीब छह हजार से अधिक प्रकरण लंबित हो गए हैं। अब इनका निराकरण करने तहसीलदारों के लिए बड़ी चुनौती रहेगा। दरअसल, न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदार मंगलवार को काम पर लौट गए। वे पिछले 13 दिन यानी, 6 अगस्त से ही काम बंद विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार को राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा एवं विभाग के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात के बाद उन्होंने काम पर लौटने का निर्णय लिया। मंगलवार को भोपाल में सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार काम पर लौट आए। हालांकि, उनके सामने 6 हजार से अधिक पेंडिंग मामलों को सबसे पहले निपटाने की चुनौती रहेगी। वे मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के बैनरतले काम बंद विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
भोपाल में नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस सहित करीब 500 से अधिक मामले रोजाना आते हैं। इसके अलावा हर दिन करीब 300 प्रकरणों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं। इस वजह से दो दिन में ही 600 से ज्यादा केस की पेशियां आगे बढ़ा दी गई है। अब तक पेंडिंग केस का आंकड़ा 6 हजार तक पहुंच गया है।
भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसील हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे थे। इसके साथ ही कुल 8 मांगों को लेकर विरोध किया जा रहा था। इनमें से 7 मांगों पर सहमति बनने के बाद मंगलवार से तहसीलदार और नायब तहसीलदार काम पर लौट आए।